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सेक्स की बायोलॉजी की क्लास - Indian Sex Biology

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पाठ: 1 स्त्री और पुरुष दोनों के कामोत्तेजक अंग समान होते हैं

महिला हो या पुरुष, बालों में धीरे-धीरे उंगलियां फिराना दोनों ही पसंद करते हैं, क्योंकि ऐसा करने पर एन्डॉर्फि़न हार्मोन रिलीज़ होता है, जिससे ख़ुशी का एहसास होता है. होंठों पर होंठों का स्पर्श आप दोनों में जबरदस्त जोश पैदा करता है, क्योंकि इस स्पर्श से ऑक्सिटोसिन नामक ‘ख़ुशनुमा’ हार्मोन रिलीज़ होता है.


पाठ: 2 सिर्फ़ नाम ही काफ़ी है

सेक्स के दौरान पुरुषों के एरिओले और स्त्रियों के ब्रेस्ट्स का स्पर्श दोनों को ही आनंद देता है. क्या आप जानती हैं कि एरिओले के आसपास का हिस्सा भी बहुत संवेदनशील होता है और उसका स्पर्श भी पुरुषों को सुख देता है. इसी तरह महिलाओं के ब्रेस्ट्स के आसपास का हिस्सा भी संवेदनशील होता है. इनके बारे में और क्या कहा जाए, इनका तो नाम ही काफ़ी है.


पाठ: 3 वो कोमल हिस्से

जांघों का अंदरूनी और घुटनों के पीछे वाले भाग बहुत संवेदनशील होता है. इन हिस्सों की त्वचा इतनी नाज़ुक होती है कि इन्हें स्पर्श करते ही दिमाग़ को सूचना मिल जाती है. इन जगहों पर हल्का-सा स्पर्श ही मूड को रूमानी बना देता है. तो इन हिस्सों पर स्पर्श करना न भूलें.


पाठ-4 इन्हें भी नज़रअंदाज़ न करें

हाथ, पैर और कान शरीर के ऐसे अंग हैं, जहां रक्त-नलिकाओं का अंत होता है. यहां प्यार भरी छुअन कामोत्तेजना को बढ़ा देती है. अरे हां! उत्तेजना बढ़ानी हो तो कलाई और बगलों को तो नज़रअंदाज़ किया ही नहीं जा सकता.


पाठ-5 जन्मपत्री मिलाने की ज़रूरत है क्या?

मनुष्य की मूल सोच गुफ़ा मानव की तरह ही है. जब भी शादी की बात आती है तो पुरुष सुंदर चेहरा, सुडौल वक्ष और आकर्षक फ़िगर को तरजीह देते हैं, वहीं महिलाएं अपने साथी में मज़बूत शरीर, चौड़े कंधे और अच्छे स्वास्थ्य को प्राथमिकता देती हैं. स्त्री-पुरुष दोनों ही चाहते हैं कि उनका साथी बुद्धिमान और जीविका के साधन जुटाने में सक्षम हो. यह जानकर क्या आपको नहीं लगता कि शादी के लिए जन्मपत्री मिलाना ग़ैरज़रूरी है.

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